SSC Exam Cancellations पर बवाल: छात्र बोले- “हमारे सपनों से खिलवाड़ बंद करो”
#SSC_System_Sudharo – ये सिर्फ एक हैशटैग नहीं, बल्कि लाखों मेहनती छात्रों की चीख बन चुकी है। हाल ही में आयोजित SSC Selection Post Phase 13 परीक्षा ने छात्रों के सब्र की सभी हदें तोड़ दी हैं।
आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला, और क्यों इस बार SSC की परीक्षा सिर्फ एक एग्जाम नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय बहस बन चुकी है।
अचानक परीक्षा रद्द – 500 किमी दूर पहुंच कर मिले ताले
बिना किसी पूर्व सूचना के कई सेंटरों पर परीक्षा रद्द कर दी गई। हजारों छात्र-छात्राएं 300 से 500 किमी तक का सफर तय कर एग्जाम देने पहुंचे, लेकिन सेंटर पर एडमिट कार्ड को मान्यता ही नहीं दी गई।
इन घटनाओं ने न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि सालों की मेहनत पर पानी फेर दिया।
तकनीकी खामियाँ – नई Vendor एजेंसी से भरोसा उठा
SSC द्वारा अपनाई गई नई परीक्षा एजेंसी पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
कई केंद्रों पर कंप्यूटर सिस्टम क्रैश, कीबोर्ड-माउस खराब, और लॉगिन में देरी जैसी गंभीर समस्याएँ सामने आईं।
कई वायरल वीडियो में छात्र बताते दिखे – “सवाल तो दूर, स्क्रीन ही नहीं खुली!”
गलत सेंटर अलॉटमेंट – गांवों और गोशालाओं में भेजे गए छात्र
कई छात्रों को उनके चुने गए शहरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर के सेंटर्स दिए गए।
कई को ऐसे इलाकों में परीक्षा देनी पड़ी जहां न ढंग की सुविधा थी, न सुरक्षा।
एक छात्र ने कहा – “मुझे cattle shed में बैठाकर परीक्षा दिलवाई गई। ये कैसी व्यवस्था है?”
शांतिपूर्ण आंदोलन पर लाठीचार्ज – लोकतंत्र पर सवाल
दिल्ली के Jantar Mantar और CGO Complex में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों और प्रशिक्षकों पर लाठीचार्ज किया गया।
बायोमेट्रिक स्टेशनों से टीचर्स को उठा कर थानों में ले जाया गया, जिससे छात्रों में भय और आक्रोश दोनों है।
छात्रों की मांगें – सिर्फ तारीखें नहीं, सिस्टम सुधारिए
Aspirants की मुख्य मांगें:
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SSC की मौजूदा vendor एजेंसी को हटाया जाए।
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कैंसिल हुई सभी परीक्षाओं की पारदर्शी री-शेड्यूलिंग हो।
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तकनीकी खामियों का इंफ्रास्ट्रक्चर ऑडिट करवाया जाए।
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Geographical proximity के आधार पर center allotment हो।
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एक high-level committee बने जिसमें छात्र प्रतिनिधि भी हों।
सोशल मीडिया पर तूफान – #JusticeForAspirants ट्रेंड में
इस समय #SSC_System_Sudharo, #SSCVendorFailure, और #JusticeForAspirants जैसे हैशटैग Twitter, Instagram, और Facebook पर ट्रेंड कर रहे हैं।
छात्र लिख रहे हैं – “1 मिनट की भी देरी selection और rejection का फर्क बना सकती है”।
SSC और सरकार की प्रतिक्रिया – भरोसा नहीं, सिर्फ बयान
SSC ने बताया कि 55,000 से अधिक शिकायतें उन्हें मिली हैं।
सरकार ने inquiry का आश्वासन दिया है, लेकिन छात्रों का कहना है – “हम आश्वासन नहीं, action चाहते हैं।”
छात्रों ने 5 अगस्त तक समय दिया है।
अगर तब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो nationwide bandh और Parliament March की तैयारी है।
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है – “यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, युवा भारत के भविष्य का सवाल है।”
निष्कर्ष: ये सिर्फ Vendor Change का मामला नहीं
SSC आंदोलन ने यह साफ कर दिया है कि परीक्षा प्रणाली में transparency, accountability और छात्र-केंद्रित सोच की बेहद जरूरत है।
अगर अभी सरकार ने strong reforms नहीं किए, तो न केवल छात्रों का भरोसा टूटेगा, बल्कि देश का पूरा भर्ती सिस्टम सवालों के घेरे में आ जाएगा।
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